दशहरा का महत्व
Dussehra, जो विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, हर साल मनाया जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
रावण का प्रतीक
रावण, जो लंका का राजा था, उसे उसके दस सिरों के लिए जाना जाता है। यह उसके ज्ञान और सामर्थ्य का प्रतीक है।
दशानन की कथा
रावण ने सीता का अपहरण किया और राम के साथ युद्ध छेड़ा। इसने ब्रह्मा द्वारा दिए गए शक्तियों का दुरुपयोग किया।
रावण-दहन की परंपरा
दशहरा के दिन, रावण का पुतला जलाया जाता है। यह बुराई का अंत और अच्छे का स्वागत करने का संकेत है।
युद्ध और विजय
राम की सेना ने रावण के साथ भयंकर युद्ध किया, जिसका परिणाम रावण के विनाश के रूप में सामने आया।
सीता राम के साथ मिलकर लक्ष्मण, हनुमान और अन्य योद्धाओं ने रावण को हराया और धर्म की पुनर्स्थापना की।
किसान और गणेश पूजा
दशहरा का यह पर्व किसान और अन्य समुदायों के लिए नए फसल की शुरुआत का भी प्रतीक है।
समाज में जागरूकता
रावण का दहन हमें बुराई, भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ जागरूक रहने की प्रेरणा देता है।
संस्कृति का संरक्षण
इस पर्व के माध्यम से हम अपनी संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण करते हैं, जो हमारी पहचान को मजबूत बनाती हैं।
दशहरा की मंगल कामनाएँ
इस दशहरे, सभी को बुराइयों से मुक्ति मिले और जीवन में खुशियां और समृद्धि आए।
Happy Dussehra!
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