क्या आप जानते हैं महाभारत युद्ध समाप्त होते ही अर्जुन का रथ क्यों जल गया?
ऐसा क्या हुआ युद्ध समाप्ति पर जिसके करण अर्जुन का रथ जल गया
महाभारत में अर्जुन के रथ का नाम नंदी घोष था। इसे अर्जुन ने वरुण से प्राप्त किया था।
अर्जुन के रथ पर स्वयं भगवान श्रीकृष्ण सारथी के रूप में विराजमान थे। इसके अलावा, रथ के ध्वज पर हनुमानजी विराजमान थे।
हनुमानजी की उपस्थिति ने अर्जुन के रथ को अद्वितीय शक्ति से भर दिया था।
यह माना जाता है कि हनुमानजी ने युद्ध के दौरान अर्जुन की रक्षा की और रथ को अजेय बनाए रखा।
कुरुक्षेत्र युद्ध के समाप्ति के बाद, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि वे पहले रथ से नीचे उतरें।
जब अर्जुन नीचे उतरे, तभी श्रीकृष्ण ने रथ को छोड़ा, और उसी क्षण रथ जलकर राख हो गया।
श्रीकृष्ण ने बताया कि अर्जुन का रथ पहले ही विनाशकारी अस्त्रों से जल चुका था।
लेकिन हनुमानजी की दिव्य शक्ति के कारण वह सुरक्षित बना रहा। उनके हटते ही रथ जलकर राख हो गया।
यह घटना हमें सिखाती है कि भगवान की कृपा और दिव्य शक्तियों की उपस्थिति कितनी महत्वपूर्ण होती है।
अर्जुन का रथ केवल एक वाहन नहीं था, बल्कि भगवान की उपस्थिति और दिव्य शक्तियों का प्रतीक था।
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