पांडवों की संतानें: महाभारत के नायकों की विरासत 

महाभारत के पांच पांडव भाई, युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, और सहदेव, अपनी वीरता और धर्म के लिए जाने जाते हैं। 

आइए जानें पांडव भाइयों की संतानों के बारे में। 

युधिष्ठिर धर्मराज के नाम से प्रसिद्ध थे। उनकी पत्नी द्रौपदी से एक पुत्र हुआ था जिसका नाम प्रतिविन्ध्य था। प्रतिविन्ध्य ने भी धर्म के मार्ग पर चलने का प्रयास किया। 

भीम का बल सबसे अधिक माना जाता था। उनकी पत्नी द्रौपदी से सुतसोम नामक पुत्र हुआ। 

भीम की दूसरी संतान हिडिंबा से हुई। हिडिंबा राक्षसी थी, और उससे भीम को घटोत्कच नामक पुत्र हुआ।  

अर्जुन महाबली धनुर्धर थे। उनकी पत्नी द्रौपदी से श्रुतकीर्ति नामक पुत्र हुआ। 

अर्जुन की दूसरी संतान उलूपी से हुई, जो नागकन्या थीं। उनसे इरावान नामक पुत्र हुआ। 

चित्रांगदा से अर्जुन को बभ्रुवाहन नामक पुत्र हुआ।  

अर्जुन की सबसे प्रसिद्ध संतान अभिमन्यु थी, जो सुभद्रा से उत्पन्न हुए थे। 

नकुल, जो अपने रूप और शौर्य के लिए जाने जाते थे, की पत्नी द्रौपदी से शतनिक नामक पुत्र हुआ। 

सहदेव, जो ज्योतिष और विद्या में पारंगत थे, की पत्नी द्रौपदी से श्रुतकर्मा नामक पुत्र हुआ। सहदेव और विजया से सुहोत्र नामक पुत्र हुआ। 

महाभारत के युद्ध में पांडवों की संतानों ने भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपने पिताओं की धरोहर को आगे बढ़ाया और धर्म के मार्ग पर चलते हुए वीरगति को प्राप्त किया।